Friday 18 December 2009

ऐसी मुश्किल..........................

ऐसी मुश्किल तो प्यारे पग पग पर आएगी
जो दुनियादारी न सिखलाये ,क्या दुनिया कहलाएगी
जुगनू के मुँह से सूरज की अब बाते सुनते हैं
कहने वाले कहते रहते ,भला कब सुनते हैं
अपनी दानिशमंदी का भी तो देना हैं इम्तिहान
चाहे बेशक क्यों न हो जाए चमन शमशान
तेरी मेहनत पर उनकी भी मोहर लग जायेगी
जो दुनियादारी न सिखलाये, क्या दुनिया कहलाएगी

सर्वाधिकार सुरक्षित @ दीपक शर्मा
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