From Mar 17, 2011 |
Thursday, 17 March 2011
Monday, 7 March 2011
Thursday, 3 March 2011
ना जी पा रहा हूँ ना मर पा रहा हूँ ,
ना जी पा रहा हूँ ना मर पा रहा हूँ ,
राह जहाँ जा रही है चला जा रहा हूँ
यह कैसी है दुरी जो पास ला रही है,
दूर जितना जा रहा हूँ और पास आ रहा हूँ
बीती रात गुजरी बहुत तंग हम पर,
जिंदा अपनी मोहब्बत मैं चिनवा रहा हूँ
मेहनत है मेरी वो बन जाये मुकम्मल,
उसे लगता है कमियां गिनवा रहा हूँ
(सर्वाधिकार सुरक्षित @ दीपक शर्मा )
http://www.kavideepaksharma.com
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