"आपके ऋण से उऋण किसी हाल ही सकते नहीं" | बहुत खूब साहब, बहुत बड़ी और बहुत सही बात कही है | हम वालिदैन और शिक्षक के ऋण से किसी भी सूरत में उऋण नहीं हो सकते | बहुत सुंदर |
"आपके ऋण से उऋण किसी हाल ही सकते नहीं" | बहुत खूब साहब, बहुत बड़ी और बहुत सही बात कही है | हम वालिदैन और शिक्षक के ऋण से किसी भी सूरत में उऋण नहीं हो सकते | बहुत सुंदर |
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